Admission Open Months January to December 2024 | CIT | MS-CIT | TALLY PRIME ERP with GST | TYPING मराठी,हिंदी,English 30-40 Wpm | The Most In-Demand Programming Languages Coding : C | C++ | C# | Java | JavaScript | HTML | Python | PHP | Go Cloud | SQL | CSS | Speaker communication | Photoshop | Coreldraw | Computer Hardware | Advance Excel and More Courses :Call Now: 9922939493 | 9921743041

संगणक ज्ञान मंदिर स्थापना : ०४.०४.२०१०

Please Subscribe Youtube Channel

"आम्ही तुमचे भविष्य घडवत नाही,आम्ही तुम्हालाचं भविष्यासाठी घडवतो"

My photo
"शुभम कम्प्युटर ज्ञान मंदिर, म्हणजे संगणक ज्ञानाचा महामार्ग "

प्रभु श्रीराम राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त 2020


"प्रभु श्रीराम राम मंदिर का भूमि पूजन"

राम ही इस संसार के विधि विधाता है |
राम नाम फलदाई है | इसमे खोकर देख जय जय जय श्री राम ...

राम मंदिर निर्माण के लिए 05 अगस्त को दोपहर का चक्रसुदर्शन मुहूर्त यानी कि अभिजीत मुहूर्त में ही राम मंदिर की आधारशिला रखी जा रही है।
भगवान राम कर्तव्य परायण थे। अपनी प्रजा के प्रति वह किसी भी प्रकार कोई दुख नहीं देख सकते थे। 

श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था? ( सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था हमारे पक्ष से )
नहीं पता है तो जानिये-
1 - ब्रह्मा जी से मरीचि हुए,
2 - मरीचि के पुत्र कश्यप हुए,
3 - कश्यप के पुत्र विवस्वान थे,
4 - विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए.वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था,
5 - वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की |
6 - इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए,
7 - कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था,
8 - विकुक्षि के पुत्र बाण हुए,
9 - बाण के पुत्र अनरण्य हुए,
10- अनरण्य से पृथु हुए,
11- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ,
12- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए,
13- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था,
14- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए,
15- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ,
16- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित,
17- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए,
18- भरत के पुत्र असित हुए,
19- असित के पुत्र सगर हुए,
20- सगर के पुत्र का नाम असमंज था,
21- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए,
22- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए,
23- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था.भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे |
24- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए, रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया, तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है |
25- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए,
26- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे,
27- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए,
28- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था,
29- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए,
30- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए,
31- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे,
32- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए,
33- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था,
34- नहुष के पुत्र ययाति हुए,
35- ययाति के पुत्र नाभाग हुए,
36- नाभाग के पुत्र का नाम अज था,
37- अज के पुत्र दशरथ हुए,
38- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए |
इस प्रकार ब्रह्मा की उन्चालिसवी (39) पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ | शेयर करे ताकि हर हिंदू इस जानकारी को जाने..

🏹रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य🏹

1:~लंका में राम जी = 111 दिन रहे।
2:~लंका में सीताजी = 435 दिन रहीं।
3:~मानस में श्लोक संख्या = 27 है।
4:~मानस में चोपाई संख्या = 4608 है।
5:~मानस में दोहा संख्या = 1074 है।
6:~मानस में सोरठा संख्या = 207 है।
7:~मानस में छन्द संख्या = 86 है।

8:~सुग्रीव में बल था = 10000 हाथियों का।
9:~सीता रानी बनीं = 33वर्ष की उम्र में।
10:~मानस रचना के समय तुलसीदास की उम्र = 77 वर्ष थी।
11:~पुष्पक विमान की चाल = 400 मील/घण्टा थी।
12:~रामादल व रावण दल का युद्ध = 87 दिन चला।
13:~राम रावण युद्ध = 32 दिन चला।
14:~सेतु निर्माण = 5 दिन में हुआ।

15:~नलनील के पिता = विश्वकर्मा जी हैं।
16:~त्रिजटा के पिता = विभीषण हैं।

17:~विश्वामित्र राम को ले गए =10 दिन के लिए।
18:~राम ने रावण को सबसे पहले मारा था = 6 वर्ष की उम्र में।
19:~रावण को जिन्दा किया = सुखेन बेद ने नाभि में अमृत रखकर।


!! मर्यादा के प्राण थे,रघुवंश के अभिमान थे,पुरुषोत्तम श्री राम !!
" जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं."
मन-मन में राम..कण-कण में राम..रोम-रोम में राम .... साक्षात प्रमाण-प्रणाम जय श्री राम
। जगतका सत्य वचन । सत्य बोलो गति है । मुक्ति है । भगवान जय श्रीराम ।
क्या तुम भी ऐसी प्रेरणा । पीडियों के बन सकोगे ..?
विश्वास है आप खाली नही लौटेंगे..धन्यवाद

यह जानकारी  महीनों के परिश्रम केबाद आपके सम्मुख प्रस्तुत है । 


हमारी ७ पीढ़ियों ने राम मंदिर के लिए सघर्ष किया है ५०० साल बाद हमारा सपना परिपूर्ण हुआ है|
आदरणीय आदर्श पूर्ण विश्व के नेतृत्व मार्गदर्शक भारत के पंतप्रधान नरेंद्र मोदीजी आपको हृदय पुर्वक आभार व्यक्त करता हूं | भारत के सेवक हो और भगवान राम के कर्तव्य दक्ष भक्त हो.आप ही हो | 



No comments:

Massive Congratulations.AK-RAM

You proved every day that you're an amazing leader and one of the most passionate leadership AK-RAM.  You're absolutely the real bes...

Popular Posts


"शुभम कम्प्युटर ज्ञान मंदिर"