माझ्या डोळ्यांचा व मनाचा देव्हारा तिथं तुमचं आगमन..
तिथं रोजच चतुर्थी कधी नाही विसर्जन..!अनंत चतुर्थीच्या हार्दिक शुभेच्छा..! तारीख : ०९ | ०९ | २०२२
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम् ।
पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर ।
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन ।
यत्पूजितं मया देव ! परिपूर्ण तदस्तु मे ।
॥ भगवान गणेश मैं आपको बुलाना भी नही जानता और विदा करना भी नहीं । मुझे पूजा-पाठ करना भी नहीं आता है । मुझसे जो भी गलतियां हुई हैं उनके लिए मुझे क्षमा करें । मुझे न पूजा करने की प्रक्रिया पता है और न ही मुझे मंत्र और आरती याद हैं । मेरी पूजा स्वीकार करें । भगवान गणेश बुद्धीचे देवता मंगलमूर्ती विघ्नहर्ता अष्टविनायका हे शिवनंदन और गौरीनंदन ब्रम्हांडनायक राजाधिराज गणांचा पती गणपती अनंत कोटी कोटी प्रणाम....!
अनंत चतुर्थीच्या हार्दिक शुभेच्छा..! २०२१
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